Wednesday, 28 December 2016


ज़िन्दगी की कश्ती में कुछ लोग सवार होते हैं और फिर उतर जाते है । । 
जो पल साथ बिता लिए बस वही साथ रह जाते हैं 
मिलना और बिछड़ना तो जीवन की रीत है 
दूर होकर भी पास रहना यही सच्ची प्रीत है 
के जाने किस मोड़ पर हम फिर टकरा जाए 
कब किस्मत किसे कहाँ ले आये 

यारों! .....सदा याद रखना हमे के हम भी ज़िन्दगी का हिस्सा थे कभी   
ज़िन्दगी के अनमोल पलों में हम भी शामिल थे कभी 
कुछ साँसे हमने साथ में ली थी 
कुछ उत्सव साथ में हमने थे मनाए 
रोये थे यार के दुःख में कभी 
और कभी साथ में थे मुस्कुराए 

इसी को ज़िन्दगी कहते है......
चलना है , उठना है और आगे बढ़ते जाना है 
ख़ुशी हो या गम सदा मुस्कुराना है  
जीवन के इस मेले में फिर मुलाक़ात होगी 
फिर कुछ खट्टी-मीठी बात होगी 
तब तक के लिए हंसो,खुश रहो और आगे बढ़ो......क्योंकि 
ज़िन्दगी की कश्ती में कुछ लोग सवार होते हैं और फिर उतर जाते है । । 



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